रायपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा भारत विभाजन के लिए विनायक दामोदर सावरकर को जिम्मेदार ठहराए जाने पर राजनीति गरमा गई है। अभिनव भारत पार्टी के संयोजक प्रकाश नारायण शुक्ल ने इस बयान को ‘पूर्णतः निराधार’ और ‘कुंठा से ग्रसित’ बताते हुए बघेल पर कड़ा प्रहार किया है।
विभाजन की जड़ में ‘टू नेशन थ्योरी’
प्रकाश नारायण शुक्ल ने ऐतिहासिक तथ्यों का हवाला देते हुए कहा कि भारत विभाजन की जमीन सावरकर ने नहीं, बल्कि सर सैय्यद अहमद खान ने तैयार की थी। उन्होंने कहा:
- 1888 के मेरठ भाषण में सर सैय्यद अहमद खान ने सबसे पहले ‘टू नेशन थ्योरी’ (दो राष्ट्र सिद्धांत) की बात की थी।
- यही वह विचार था जिसे 1940 के दशक में मोहम्मद अली जिन्ना ने आगे बढ़ाया।
- भूपेश बघेल अपने ‘मुस्लिम वोट बैंक’ को खोने के डर से असली गुनहगारों का नाम लेने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं।
कांग्रेस के गठन पर उठाए सवाल
शुक्ल ने कांग्रेस की स्थापना के उद्देश्यों पर भी सवालिया निशान लगाए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का गठन अंग्रेज अधिकारी ए.ओ. ह्यूम द्वारा 1857 के संग्राम के बाद भारतीयों के जनाक्रोश को दबाने के लिए एक ‘सेफ्टी शील्ड’ के रूप में किया गया था। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस के संस्थापक सदस्यों में अंग्रेजों के विश्वासपात्र लोग शामिल थे।
सावरकर का प्रखर राष्ट्रवाद और कांग्रेस
अभिनव भारत पार्टी के संयोजक ने एक ऐतिहासिक घटना का स्मरण कराते हुए बताया कि:
- 1937 में रत्नागिरी जेल से रिहाई के बाद खुद कांग्रेस ने सावरकर को सोलापुर के एक कार्यक्रम में आमंत्रित किया था।
- उस दौरान सावरकर ने कांग्रेस की ‘मुस्लिम तुष्टिकरण’ की नीति की कड़ी आलोचना की थी।
- इस भाषण के बाद स्थिति ऐसी बनी कि उन्हें आमंत्रित करने वाले कांग्रेस सचिव श्री गाडगिल को इस्तीफा तक देना पड़ा था।
वीर सावरकर जैसे महान क्रांतिकारी और हिंदुत्व के प्रणेता पर कीचड़ उछालने से पहले कांग्रेस नेताओं को इतिहास का भलीभांति अध्ययन कर लेना चाहिए।” — प्रकाश नारायण शुक्ल, संयोजक, अभिनव भारत पार्टी

