बलौदा बाजार के कलेक्टर ऑफिस को हजारों सतनामी समाज के लोगों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए घेर लिया. सतनामी समाज का विरोध प्रदर्शन उग्र हो गया जिसके बाद बेकाबू भीड़ ने कलेक्टर कार्यालय को ही आग के हवाले कर दिया.
इस दौरान कलेक्टर ऑफिस, जिला पंचायत भवन और तहसील ऑफिस में आगजनी की गई है. पुलिस ने जब प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की तो उन्हें पुलिस के साथ ही मारपीट की है. इस मारपीट में कुछ पुलिसकर्मी घायल हुए हैं.
लंबे वक्त से प्रशासन से नाराज चल रहे सतनामी समाज के लोग सोमवार को विरोध प्रदर्शन के लिए कलेक्टर ऑफिस पहुंचे थे. इस दौरान हजारों की संख्या में लोग इकट्ठा हो गए. लेकिन जब बात नहीं बनी तो उन्होंने सुरक्षा घेरे को तोड़ दिया और अंदर जा घुसे. बेकाबू सतनामी समाज के लोगों ने सिक्योरिटी में लगे पुलिसकर्मियों के साथ मारपीट की है. करीब 3-4 हजार लोग कार्यालय के बाहर इकट्ठा हो गए थे. इस दौरान भीड़ ने कलेक्टर ऑफिस में आग लगाई साथ ही बाहर खड़ी कई प्रशासनिक गाड़ियों को भी आग के हवाले कर दिया.
क्यों नाराज हैं सतनामी?
बलौदा बाजार के गिरौदपुरी के महकोनी गांव में संत अमरदास की तपोभूमि स्थित है. यहां पर सतनामी समाज के पवित्र प्रतीक माने जाने वाले जैतखाम को कुछ बदमाशों ने काट दिया था. इस वजह से पूरे सतनामी समाज में रोष मौजूद है. इससे पहले उन्होंने जैतखाम को काटने वाले अपराधियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की थी. पुलिस ने इस मामले में कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया है लेकिन सतनामी समाज के लोग प्रशासन की कार्रवाई के संतुष्ट नहीं है. इसी वजह से आज विरोध प्रदर्शन करने के लिए हजारों की संख्या में सतनामी इकट्ठा हुए थे.
क्या होता है जैतखाम?
छत्तीसगढ़ में लाखों की संख्या में सतनामी समाज के लोग रहते हैं. रायपुर और आस-पास कई गांवों में सतनामी समाज के लोगों ने अपने धार्मिक स्थल भी बनाए हुए हैं. इन सभी के लिए जैतखाम एक पवित्र चिन्ह होता है जिसकी यह प्रतिदिन पूजा करते हैं. जहां-जहां भी सतनामी समाज के लोग रहते हैं वहां पर जैतखाम स्थापित किया जाता है. रायपुर की बात की जाए तो यहां पर 100 से ज्यादा जैतखाम सतनामी समाज के लोगों ने स्थापित किए हैं. जैतखाम के ऊपर सफेद रंग की ध्वजा फरहाई जाती है.