छत्तीसगढ़ में 30 लाख से अधिक वाहनों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाई जानी है। इन वाहनों में घरेलू इस्तेमाल की दोपहिया गाड़ियों से लेकर हल्के निजी वाहन, पैसेंजर कार शामिल हैं। खास बात ये है कि 2019 के पहले रजिस्टर्ड किए गए सभी वाहनों में इस नंबर प्लेट की जरूरत होगी। नंबर प्लेट के लिए बेस प्राइज के अलावा जीएसटी भी अदा करना होगा। ऑनलाइन सिस्टम से नंबर प्लेट बदलने की पूरी प्रक्रिया संचालित होगी। राज्य में फिलहाल यह प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है।
प्रदेश में 30 लाख से अधिक वाहनों की प्लेट बदलेगी छत्तीसगढ़ में सरकार वाहन पोर्टल के हिसाब से करीब 50 लाख वाहन दर्ज हैं जिनका मॉडल 2019 के पहले का है। लेकिन परिवहन विभाग के जानकार सूत्रों का कहना है कि इनमें से करीब 30 लाख वाहनों के लिए नई नंबर प्लेट लगानी पड़ेगी। वजह ये है कि कई पुरानी हो चुकी गाड़ियां कंडम होकर बेकार हो गई है। लेकिन उनका रजिस्ट्रेशन कैंसिल नहीं हुआ है। परिवहन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि लोग रोड़ से बाहर हुई गाड़ियों का डि- रजिस्ट्रेशन नहीं कराते हैं इसलिए पुरानी गाड़ियां भी वाहन पोर्टल में दिखती है।
प्रदेश में कहीं से भी बदलवा सकते हैं, 350 सेंटरवाहनों की नंबर प्लेट बदलने के मामले में एक महत्वपूर्ण तथ्य ये है कि आप प्रदेश में कहीं से भी नई नंबर प्लेट ले सकते हैं। जैसे अगर आप की गाड़ी रायपुर परिवहन कार्यालय में दर्ज है और बिलासपुर या जगदलपुर में गाड़ी चला रहे हैं तो वहां भी इस सिस्टम से नई नंबर प्लेट हासिल कर सकते हैं। राज्य सरकार ने यह पूरा काम दो कंपनियों रियल मेजान इंडिया प्रा.लि और रोजमेरटा सेफ्टी सिस्टम लिमिटेड को सौंपा है। दोनों कंपनिया छत्तीसगढ़ के 33 में से आधे-आधे जिलों में काम करेंगी। दोनों कंपनियों ने नंबर प्लेट बदलने के लिए 350 डीलर भी बनाए हैं।
किस गाड़ी के लिए कितना खर्चप्रति सेट कुल कीमत दो पहिया वाहनों के लिए स्नैप लॉक और फिक्सिंग सहित पंजीकरण प्लेटों का पूरा सेट – स्कूटर मोटरसाइकिल और मोपेड, ट्रैक्टर, पावर टिलर और ट्रेलर कृषि के लिए जीएटी सहित कुल 365.80, तिपहिया वाहनों के लिए 428, हल्के वाहनों और पैसेंजर कार के लिए 656 रुपए, हल्के मोटर वाहनों, यात्री कारों के लिए 706 रुपए लेगेंगे। सभी भुगतान केवल डिजिटल मोड के माध्यम से किए जाएंगे।
ऐसे लगाई जाएंगी ये नंबर प्लेटहाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने के लिए वाहन के मालिक को सरकारी वाहन पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आना होगा। इस पोर्टल के माध्यम से नंबर प्लेट बदलने का काम तभी हो सकेगा, जब रजिस्ट्रेशन के साथ वाहन मालिक का मोबाइल नंबर वाहन पोर्टल पर दर्ज होगा। अगर मोबाइल नंबर दर्ज नहीं है, तो पहले नंबर ही दर्ज कराना होगा। पोर्टल में नंबर होने पर रजिस्ट्रेशन नंबर के साथ गाड़ी का चेसिस नंबर भी डालना होगा, उसके बाद मोबाइल नंबर से उसका वेरीफिकेशन होगा। नई नंबर प्लेट लेने के लिए निर्धारित फीस अदा करनी होगी। यह भी वाहन पोर्टल के माध्यम से होगा। इसके बाद संबंधित कंपनी नंबर प्लेट लगाने के लिए समय तय करेगी। यह टाइम स्लाट 120 दिनों तक का भी हो सकता है। जब नंबर आ जाएगा, तो नई हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट भी आपकी गाड़ी में लग जाएगी।