अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के तत्वाधान में विगत दिनों प्रसिद्ध साहित्यकार लाला जगदलपुरी की 105वीं जयंती गरिमामय वातावरण में मनाई गई। स्थानीय वृंदावन हॉल में आयोजित इस कार्यक्रम में साहित्य जगत की विभूतियों ने शिरकत की। इसी अवसर पर लेखिका श्रीमती किरण लता वैद्य ‘कठिन’ के कहानी संग्रह ‘खिड़की से झाँकता चेहरा’ का भव्य विमोचन भी संपन्न हुआ।
प्रमुख अतिथि एवं मंचासीन विभूतियाँ
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि छत्तीसगढ़ राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष श्री संजय श्रीवास्तव थे। अध्यक्षता वरिष्ठ व्यंग्यकार श्री के.पी. सक्सेना ‘दूसरे’ ने की। विशिष्ट अतिथियों में पंडित सुंदरलाल शर्मा सम्मान प्राप्त भाषाविद श्री चित्तरंजन कर, वरिष्ठ समीक्षक डॉ. मृणालिका ओझा एवं महासभा के प्रांतीय अध्यक्ष उपस्थित रहे।
कार्यक्रम की रूपरेखा
• शुभारंभ: कार्यक्रम की शुरुआत माँ सरस्वती की वंदना और लाला जी के चित्र पर माल्यार्पण के साथ हुई। डॉ. वर्षा वर्मा ने मधुर स्वर में सरस्वती वंदना प्रस्तुत की।
• परिचय एवं संस्मरण: संयोजिका श्रीमती किरण लता वैद्य ने स्वागत उद्बोधन दिया। लाला जगदलपुरी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर श्रीमती मीना शर्मा, डॉ. रितु श्रीवास्तव और किरण वैद्य ने विस्तार से प्रकाश डाला। वरिष्ठ साहित्यकार सुरेंद्र रावल, राजेश शर्मा और शकुंतला तरार ने लाला जी से जुड़े प्रेरक संस्मरण साझा किए।
• काव्य पाठ: लाला जी की रचनाओं और गजलों को चित्तरंजन कर और प्रदीप वैद्य ने स्वर प्रदान किया।
पुस्तिका विमोचन एवं समीक्षा
विमोचित कहानी संग्रह ‘खिड़की से झाँकता चेहरा’ पर डॉ. मृणालिका ओझा, श्री चित्तरंजन कर और श्री के.पी. सक्सेना ने समीक्षात्मक टिप्पणियाँ कीं। मुख्य अतिथि संजय श्रीवास्तव ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर उनकी कविता का पाठ कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

उपस्थिति एवं आभार
समारोह में राजेश जैन ‘राही’, रामेश्वर शर्मा, डॉ. मनीष श्रीवास्तव, तरुण श्रीवास्तव सहित बड़ी संख्या में साहित्यप्रेमी और प्रबुद्धजन उपस्थित थे। कार्यक्रम के अंत में हाल ही में दिवंगत हुए प्रख्यात साहित्यकार स्व. विनोद कुमार शुक्ल को मौन श्रद्धांजलि दी गई।
कार्यक्रम का सफल संचालन वरिष्ठ गीतकार दिनेश गौतम ने किया तथा अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के प्रदेशाध्यक्ष श्री राजेन्द्र कुमार श्रीवास्तव ने आभार व्यक्त किया।