लाल किला मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर 1 के पास सोमवार शाम एक कार में हुए धमाके से अफरा-तफरी मच गई। धमाके की तीव्रता इतनी ज्यादा थी कि लाल किला के करीब स्थित लाल मंदिर में कार का एक पार्ट आकर गिरा। मंदिर के शीशे टूट गए और आसपास की कई दुकानों के दरवाजें व खिड़कियां क्षतिग्रस्त हो गईं। इस घटना में कई लोगों की मौत हुई है।
सूत्रो से पता चला है कि आई20 कार में धमाका हुआ था, अब तक 13 लोगो के मौत की पुस्ती हुई है । पता चला है की धमाके के लिए जवलनसील केमिकल का इस्तेमाल हुआ है l

धमाके के तुरंत बाद आस-पास की दुकानों में आग लगने की सूचना भी मिली। चांदनी चौक के भागीरथ पैलेस इलाके तक कंपन महसूस किया गया और दुकानदार एक-दूसरे को फोन कर हालात पूछते नजर आए। वहीं, कई बसों और अन्य वाहनों में भी आग लगने की खबर है। ये पहली बार नहीं है जब दिल्ली में इस तरह की कोई घटना घटी है।
25 मई 1996: लाजपत नगर सेंट्रल मार्केट में बम विस्फोट — कम-से-कम 16 लोगों की मृत्यु।
1 अक्टूबर 1997: सदर बाजार के पास दो बम विस्फोट — लगभग 30 घायल।
10 अक्टूबर 1997: शांतिवन, कौड़िया पुल एवं किंग्सवे कैंप इलाकों में तीन विस्फोट — 1 की मृत्यु, लगभग 16 घायल।
18 अक्टूबर 1997: रानी बाग मार्केट में जुड़वां विस्फोट — 1 की मृत्यु, लगभग 23 घायल।
26 अक्टूबर 1997: करोल बाग मार्केट में दो विस्फोट — 1 मृत, लगभग 34 घायल।
30 नवंबर 1997: रेड फोर्ट क्षेत्र में जुड़वां विस्फोट — 3 की मृत्यु, 70 घायल।
30 दिसंबर 1997: पंजाबी बाग के पास बस में विस्फोट — 4 मरे, लगभग 30 घायल।
18 जून 2000: रेड फोर्ट के निकट दो शक्तिशाली विस्फोट — 2 की मृत्यु, लगभग दर्जनभर घायल।
16 मार्च 2000: सदर बाजार में विस्फोट — 7 घायल।
27 फरवरी 2000: पहाड़गंज में विस्फोट — 8 घायल।
14 अप्रैल 2006: जामा मस्जिद प्रांगण में दो विस्फोट — कम-से-कम 14 घायल।
22 मई 2005: लिबर्टी एवं सत्यं सिनेमा हॉल में दो विस्फोट — 1 की मृत्यु, लगभग 60 घायल।
29 अक्तूबर 2005: सरोजिनी नगर, पहाड़गंज व गोविंदपुरी में तीन विस्फोट — लगभग 59-62 मरे, 100+ घायल।
13 सितंबर 2008: करोल बाग (गफ्फार मार्केट), कनॉट प्लेस व ग्रेटर कैलाश-I में पांच समन्वित विस्फोट — कम से कम 20-30 मरे, 90+ घायल।
27 सितंबर 2008: मेहरौली के फ्लावर मार्केट (सराय) में विस्फोट — 3 की मृत्यु, 23 घायल।
25 मई 2011: दिल्ली हाई कोर्ट पार्किंग में विस्फोट — कोई मृत्यु नहीं।