छतीसगढ़: झोलाछाप डॉक्टर के इंजेक्शन लगाते ही 12 साल के बच्चे की मौत ।

By Pallav

प्रदेश सरकार की सख्त कार्रवाई और निर्देश के बाद भी ग्रमीण इलाकों में झोलाछाप डॉक्टरों का अवैध करोबार लगातार जारी है। जबकि झोलाछाप डॉक्टरों के गलत इलाज के चलते कई लोगों को जान भी गंवानी पड़ी है। ऐसा ही एक मामला धमतरी जिले से सामने आया है, जहां झोलाछाप डॉक्टर ने 12 साल के बच्चे को गलत इंजेक्शल लगा दिया। गलत इंजेक्शन के चलते बच्चे की मौत हो गई। फिलहाल मामले में परिजनों ने पुलिस से शिकायत की है, जिसके बाद आरोपी डॉक्टर के खिलाफ जांच जारी है।

मिली जानकारी के अनुसार मामला कुरुद थाना क्षेत्र का है, जहां रहने वाले रेवा राम साहू के बेटे नीरज को सर्दी बुखार की समस्या थी। दो तीन दिन से तबीयत ठीक नहीं होने पर रेवा राम ने अपने बेटे नीरज को कुरुद के झोलाछाप डॉक्टर अशोक के क्लिनिक में उपचार के लिए लाया। यहां झोलाछाप अशोक ने जांच के बाद इंजेक्शन लगा दिया।

मृतक नीरज के पिता रेवा राम की मानें तो इंजेक्शन लगाने के तुरंत बाद मरीज को गर्मी का अहसास होने लगा और कुछ ही देर बाद उसने पैंट में शौच कर दिया। वहीं, कुछ देर बाद मृतक नीरज के मुंह से झाग निकलने लगा। हालत को देखते हुए रेवा राम आनन फानन में नीरज को लेकर सिविल अस्पताल पहुंच, लेकिन यहां भी उसे नहीं बचाया जा सका

झोलाछाप डॉक्टर मामला धमतरी में कब हुआ?

यह घटना कुरुद थाना क्षेत्र में हुई, जहां 12 साल के बच्चे की गलत इंजेक्शन से मौत हो गई।
झोलाछाप डॉक्टर मामला में बच्चे की तबीयत कैसे बिगड़ी?

इंजेक्शन लगते ही बच्चे को तेज गर्मी का अहसास हुआ, कुछ ही देर बाद मुंह से झाग आने लगा और उसकी मौत हो गई।
झोलाछाप डॉक्टर मामला में आरोपी डॉक्टर का नाम क्या है?

आरोपी झोलाछाप डॉक्टर का नाम अशोक है, जो कुरुद में क्लिनिक चला रहा था।
झोलाछाप डॉक्टर मामला में पुलिस ने क्या कार्रवाई की है?

पुलिस ने परिजनों की शिकायत पर आरोपी के खिलाफ जांच शुरू कर दी है।
झोलाछाप डॉक्टर मामला से जुड़ी मुख्य समस्या क्या है?

ग्रामीण क्षेत्रों में अवैध और गैर-प्रशिक्षित डॉक्टरों का इलाज लोगों की जान के लिए खतरा बना हुआ है।

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