बलौदा बाजार में 18 वर्षों से जमे निगम कर्मचारी पर भ्रष्टाचार और मनमानी का आरोप, बेनाम शिकायत ने खोले कई राज

By pallav

बलौदा बाजार, छत्तीसगढ़ – छत्तीसगढ़ नागरिक आपूर्ति निगम में भ्रष्टाचार और नियमों के उल्लंघन को लेकर एक गुमनाम शिकायत ने फिर एक बार विभागीय व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं। बलौदा बाजार ज़िले में विगत 18 वर्षों से एक ही स्थान पर पदस्थ एक वरिष्ठ कर्मचारी पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं, जिसे लेकर कर्मचारियों में आक्रोश व्याप्त है।शिकायत में क्या है?शिकायत के अनुसार, उक्त कर्मचारी लंबे समय से स्थानांतरण नीति की अवहेलना करते हुए, अपने प्रभाव और संपर्कों के बल पर एक ही ज़िले में पदस्थ हैं। शासन की नीति के अनुसार किसी भी शासकीय कर्मचारी को 3–5 वर्षों से अधिक एक ही स्थान पर पदस्थ नहीं रहना चाहिए, जबकि ये कर्मचारी 2006 से लगातार बलौदा बाजार में कार्यरत हैं।

गंभीर आरोप:कथित रूप से मुख्यालय के अधिकारियों से व्यक्तिगत संबंध बनाकर ट्रांसफर से बचते रहे।

स्थानीय मिलर्स से आर्थिक सांठगांठ कर, प्रत्येक लॉट पर कथित वसूली।

गुणवत्ता से समझौता करते हुए चावल की खरीदी, जिससे जनहित प्रभावित।

खुद के अधीनस्थ कर्मचारियों को दरकिनार कर, पूर्ण प्रशासनिक नियंत्रण स्वयं संभालना।मुख्यालय में परिजनों की नियुक्ति के ज़रिए संस्थागत पकड़ बनाना।कर्मचारियों में आक्रोश:शिकायत में यह भी उल्लेख है कि यह कर्मचारी विभाग के अन्य कर्मियों को भय और दबाव में रखकर, उनके अवसरों पर अघोषित रोक लगाए हुए है। इससे संस्थागत पारदर्शिता पर प्रश्न उठ रहे हैं।

क्या चाहते हैं कर्मचारी?कर्मचारियों की मांग है कि ऐसी स्थिति पर तत्काल कार्रवाई हो — नियम के अनुसार स्थानांतरण किया जाए, स्वतंत्र जांच समिति द्वारा अनियमितताओं की जाँच हो,और दोषी पाए जाने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।यह मामला अब सिर्फ एक कर्मचारी का नहीं, बल्कि पूरी प्रणाली की विश्वसनीयता से जुड़ा बन चुका है। यदि शासन ने समय रहते संज्ञान नहीं लिया, तो इससे कर्मचारी मनोबल के साथ-साथ विभागीय छवि भी क्षतिग्रस्त होगी।

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