चाणक्य नीति: जीवन में अपार सफलता चाहते हैं तो इन 10 जगहों पर हमेशा चुप रहें

By pallav

अपार सफलता भला कौन नहीं चाहता? अगर आप हर कार्य में सफल होना चाहते हैं, समाज में मान-सम्मान पाना चाहते हैं और अपने परिवार में भी इज्जत हासिल करना चाहते हैं, तो चाणक्य की इस बात को गांठ बांध लें।

चाणक्य नीति में बताया गया है कि अगर व्यक्ति इन 10 जगहों पर चुप रहना सीख जाए, तो उसे सफलता मिलने में समय नहीं लगता। अक्सर कहा जाता है कि एक बुद्धिमान व्यक्ति वह होता है जो सुनने पर ज्यादा ध्यान देता है और बोलने से बचता है। मौन रहना एक कला है; यह सुनने और पढ़ने में जितना आसान लगता है, वास्तव में यह उतना ही कठिन कार्य है जिसे हर कोई नहीं कर सकता। आचार्य चाणक्य ने भी मौन रहने के कई फायदे बताए हैं, विशेषकर उन जगहों पर जहाँ बोलना हानिकारक हो सकता है। चाणक्य नीति में 10 ऐसी जगहों का वर्णन किया गया है जहाँ व्यक्ति को हमेशा मौन रहना चाहिए।

इन 10 जगहों पर हमेशा चुप रहें:

अगर कहीं झगड़ा चल रहा हो और आपका उससे कोई संबंध न हो, तो वहां बिल्कुल हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। इसमें शामिल होना भविष्य में परेशानी का कारण बन सकता है।

अगर लोग स्वयं अपनी तारीफ कर रहे हों, तो आप चुप रहें। वहां बोलना अपमानजनक हो सकता है। ऐसे स्थानों पर मौन रहना ही बुद्धिमानी है।

जब कोई तीसरे व्यक्ति की निंदा कर रहा हो, तो उस जगह पर भी बोलने से बचना चाहिए, क्योंकि जो आज किसी की बुराई कर रहा है, वह कल आपकी भी कर सकता है।

अधूरी जानकारी बहुत खतरनाक हो सकती है। किसी विषय पर पूरी जानकारी न होने पर चुप रहना ही बेहतर है ताकि अनजाने में किसी को नुकसान न पहुँचे।

जब सामने वाला आपकी भावनाओं को न समझ रहा हो, तब मौन रहना ही सही होता है, क्योंकि ऐसे लोग आपकी भावनाओं की कद्र नहीं करते।

अगर कोई अपनी परेशानी बता रहा है, तो उसे धैर्यपूर्वक सुनना चाहिए और तब तक चुप रहना चाहिए जब तक आपको सही समाधान पता न हो।

अगर कोई आपसे नाराज है, तो उसकी नाराजगी का सामना मौन रहकर करना चाहिए। इससे उसकी नाराजगी कम हो जाएगी, वह खुद अपनी गलती समझेगा।

अगर किसी समस्या का आपसे कोई संबंध नहीं है, तो उस पर बोलने से बचें। बेवजह बोलने से अपमान का सामना करना पड़ सकता है।

जो लोग अपनी बात बिना चिल्लाए नहीं कह सकते, उनके लिए मौन रहना ही बेहतर है। चिल्लाने से दूसरे पर गलत प्रभाव पड़ता है।

किसी व्यक्ति के बारे में बेवजह बोलना या टिप्पणी करना हानिकारक हो सकता है। इसलिए गलत जगहों पर चुप रहना ही समझदारी है।यदि आप आज ही चाणक्य की इन 10 बातों को गांठ मार लेंगे, तो आपको जीवन में इससे कभी कोई परेशानी नहीं होगी। मौन रहने की कला आपकी सफलता की कुंजी साबित होगी। आप जितना चुप रहकर अपने काम पर ध्यान केंद्रित करेंगे, उतनी ही तेजी से तरक्की की ओर बढ़ेंगे।(अस्वीकृति: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। युग न्यूज इस बारे में किसी प्रकार की पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।)

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