झोला छाप डॉक्टर की करतूत, बच्ची को दिया गलत इंजेक्शन, पूरे शरीर की झुलस गई चमड़ी

By pallav

गरियाबंद में झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही के चलते एक लड़की के पूरे शरीर में इंफेक्शन फैल गया. वहीं लड़की की हालत खराब होते देख डॉक्टर ने हाथ खड़े कर लिए और दूसरे हॉस्पिटल में शिफ्ट करवा दिया. अब परिजन पिछले 1 हफ्ते से बच्ची के इलाज के लिए एक हॉस्पिटल से दूसरे हॉस्पिटल भटक रहे हैं.

गरियाबंद नगर में झोला छाप डॉक्टर के इलाज के बाद नाबालिग लड़की के पूरे शरीर मे इंफेक्शन फैलने का मामला सामने आया है. बच्ची की हालत बिगड़ती देख डॉक्टर ने हाथ खड़े कर लिए और दूसरे हॉस्पिटल शिफ्ट करवा दिया. अब परिजन पिछले 1 हफ्ते से बच्ची के इलाज के लिए एक हॉस्पिटल से दूसरे हॉस्पिटल भटक रहे हैं.

झोला छाप डॉक्टर ने बच्ची को दिया गलत इंजेक्शनदरअसल, गरियाबंद नगर के पारागांव की रहने वाली 13 वर्षीय शकुंतला की तबियत खराब हो गई थी, जिसके बाद परिजनों ने गांव के ही झोलाछाप डॉक्टर बलराम राजपूत के पास इलाज के लिए ले गए, जहां डॉक्टर ने इलाज के दौरान बच्ची को कोई इंजेक्शन लगा दिया. वहीं इंजेक्शन लगने के कुछ घंटे बाद ही बच्ची की हालत बिगड़ने लगी और उसके पूरे शरीर में इंफेक्शन फैल गया और देखते ही देखते उसकी पूरी बॉडी की चमड़ी झुलस गई.

बच्ची की हालत देखकर डॉक्टर ने उसे नवापारा के संजीवनी हॉस्पिटल भेज दिया, लेकिन वहां इलाज के दौरान दो दिन में 20 हजार रुपये खर्च हो गए. वहीं तंगी हालत होने के कारण परिजन पीड़ित को गरियाबंद के जिला अस्पताल में ले आए, लेकिन यहां इलाज नहीं हुआ, जिसके बाद परिजन इलाज के लिए सोमेश्वर हॉस्पिटल गरियाबंद लेकर आया, जहां उसका इलाज जारी है.

झोलाछाप डॉक्टर के लापरवाही से लड़की के बॉडी में फैला इंफेक्शनसोमेश्वर हॉस्पिटल के डॉक्टर के.के. गजभिये ने बताया कि कुछ दिन पहले बच्ची को हमारे यहां इलाज के लिए लाया गया. बच्ची की मेडिकल हिस्ट्री देख के पता चला है कि पारागांव के किसी डॉक्टर ने इलाज के दौरान बच्ची को इंजेक्शन लगा दिया था. उसके दूसरे दिन से बच्ची की तबियत बिगड़ी है और उसकी बॉडी के पूरे स्किन झुलस गई. मुंह मे भी छाले पड़ने के चलते उसका मुंह नहीं खुल रहा है और वो कुछ खा भी नहीं पा रही है. डॉक्टर के.के. ने आगे बताया कि अभी बच्ची का इलाज किया जा रहा है. पहले से हालात में थोड़ी सुधार है.

दो दिन में बन गया 20 हजार का बिलबच्ची के माता-पिता ने बताया कि इंजेक्शन लगने के बाद से उसकी पूरी स्किन से चमड़ी निकलने लगी थी तो पारागांव के डॉक्टर ने नवापारा के संजीवनी अस्पताल भेज दिया था.10 हजार रुपये इधर उधर से मांग कर गए थे, लेकिन दो ही दिन में वहां 20 हजार का बिल बन गया. बाकी पैसे फिर उधार मांग कर हॉस्पिटल में जमा किये और गरियाबंद वापस आकर जिला अस्पताल ले गए तो उन्होंने दूसरे हॉस्पिटल ले जाने को कहा, जिसके बाद सोमेश्वर हॉस्पिटल में अब इलाज करवा रहे हैं.

Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version