मार्केट में बिक रहा नकली चावल, ऐसे करे नकली की पहचान, कैंसर होने की बढ़ जाती है संभावना ।

By pallav

क्याआप प्लास्टिक के चावल की पहचान कर सकते हो? नही ना तो जानिए, यह कैंसर की दुकान है बच के रहना

खाद्य पदार्थों में मिलावट का चलन काफी पहले से चलता आ रहा है पर अब जिस तरह से नकली खाद्य पदार्थों की खबरे आ रही हैं उसे जानकर तो कोई खाने से ही तौबा कर लें कि नकली दूध के बाद अब बाजार में नकली चावल भी आ चुका है।

 

ऐसी खबरे बीते कुछ दिनों में काफी चर्चा का विषय रही हैं, ऐसे में इसके प्रति लोगों की शंका भी वाजिब है, अगर आप भी इससे परेशान और जानना चाहते हैं कि आखिर ऐसे चावल से कैसे बचा जाए तो आज हम आपको इसका समाधान बताने जा रहे हैं।

दरअसल आज हम आपको ऐसे कुछ आसान उपाय बताने जा रहे हैं जिसके जरिए आप घर पर ही नकली चावल की पहचान कर सकते हैं।पिछले कुछ महिनों में कई राज्यों में नकली यानी प्लास्टिक वाले चावल बिकने की खबर ने सोशल मीडिया पर खूब हंगामा मचाया था यहां तक कि कई जगहों पर तो ग्राहकों ने प्‍लास्‍टिक चावल बेचने के शक में दुकानदारों से भी मारपीट की थी जिसके बाद पुलिस और प्रशासन ने इसके खिलाफ कार्यवाही भी की थी । पर इसके बावजूद कई जगहों पर ऐसे चावल के विकने की खबरे आ रही हैं । ऐसे में अगर आपके सामने ये प्‍लास्‍टिक चावल आए तो आप उसे कैसे पहचानेंगे? इसके लिए आपको इसे पहचाने के तरीके मालूम होने चाहिए..

 

तो तो चलिए जानते हैं कुछ आसान उपायों के बारे में जो दूध का दूध और पानी का पानी कर देंगे ।

प्लास्टिक के चावल की पहचान

 

प्लास्टिक के चावल चीन 🇨🇳 में बनते हैं, जो कि दिखने में बिल्कुल असली चावल की तरह लगते हैं। पकने के बाद आप इन चावलों में एक भी अंतर नहीं ढूंढ पाएंगे। चीन से आने वाला यह प्लास्टिक चावल अब भारत में धीरे-धीरे अपने पैर पसार रहा है। इन चावलों को बाजार में असली चावल के साथ मिला कर बेचा जाता है।

 

इनका स्वाद, रंग और आकार देख कर आप कह ही नहीं पाएंगे कि ये चावल प्लास्टिक के बने हुए हैं। यह पोस्ट आप जितना शेयर कर सकते है जरूर करे क्योंकि प्लास्टिक के चावल कैंसर की वो दुकान है जो आपके पुरे शरीर में कई अन्य गम्भीर रोगों को न्यौता दे सकती है। जानिए कैसे करे प्लास्टिक के चावल की पहचान

 

कैसे बनता है प्लास्टिक राइस प्लास्टिक चावल को बनाने के लिये आलू, शकरकंद और प्लास्टिक का प्रयोग किया जाता है। जो इसे असली चावल का आकार देने में सहायक होता है।

 

प्लास्टिक की तरह जलता है प्लास्टिक चावल पकने के बाद कठोर ही रहता है। इसमें से निकला चावल का पानी (माड़) जब गाढ़ा हो जाता है तब, देखने में प्‍लास्टिक जैसा लगता है और अगर इसे सुखा कर जलाया जाए तो यह प्लास्टिक की तरह जलना शुरु हो जाता है।

चावल नहीं यह है पॉलीथीन बैग 3 कटोरा प्लास्टिक चावल खाने का मतलब है कि आपने एक बड़ा पॉलीथीन बैग खाया है। यह चावल पेट में जा कर ना तो पचता है और ना ही सड़ता है।

दे सकता है कैंसर इसे खाने से पहले तो पेट की बीमारियां होंगी और अगर नियमित तौर पर खाया गया तो, कैंसर तक होने की भी संभावना है।

कैसे करें करें पहचान प्लास्टिक चावल की तुलना जब भी साधारण राइस से की जाती है, तो देखने में आता है कि प्लास्टिक चावल काफी चमकदार, वजन में हल्के, बिना टूटे-फूटे और साफ-सुथरे होते हैं। यह पकने में भी काफी समय लेते हैं।

 

एक खास पहचान यह भी भि‍गोते वक्त ध्यान रखें, प्लास्टिक चावल पानी में नहीं तैरता क्योंकि यह सौ फीसदी प्लास्टिक नहीं होता, इसमें आलू और शकरकंद भी मिला होता है। जबकि कुछ असली चावल पानी में तैरते हैं।

सिर्फ पानी के जरिए भी आप नकली चावल को आसानी से पहचान सकते हैं .. इसके लिए आप चावल का एक बड़ा चम्‍मच लेकर उसे एक गिलास पानी में डाल दें और कुछ देर उसे चलातें रहें। इसके बाद अगर कुछ समय बाद वो चावल पानी के ऊपर सतह पर तैरने लगे तो समझ लीजिए कि वो पूरी तरह नकली यानी प्‍लास्‍टिक से बना है, क्‍योंकि असली चावल कभी पानी पर तैर नहीं सकता है बल्‍कि वो तो पानी में डूब जाता है।

 

गर्म तेल के जरिए भी नकली यानी प्लास्टिक के चावल की पहचान की जा सकती है ।

 

इसके लिए आप किसी कढ़ाई में थोड़ा से तेल गर्म करें, तेल जब काफी गर्म हो जाए तो उसमें लगभग आधी मुट्ठी चावल डाल दें .. इसके बाद अगर वो चावल पिघलकर आपस में चिपकने लगे तो समझ लें कि ये प्लास्टिक से बना है पर वहीं अगर ये बर्तन की तली पर चिपक जाए तो फिर ये सामान्य यानी असली चावल है।

फायर टेस्‍ट के लिए थोड़े से चावल लेकर उसे किसी पेपर पर रखकर जलाएं। अगर ऐसा करने पर उस चावल से प्‍लास्‍टिक के जलने की महक आए तो समझ लें कि वो चावल असली नहीं बल्कि प्लास्टिक से बना हुआ है।

इसके अलावा आप चावल को उबालकर भी टेस्ट कर सकते हैं इसके लिए आप लगभग एक मुट्ठी चावल को किसी बर्तन में उबालें। अगर चावल के उबलते समय पानी की ऊपरी सतह पर एक मोटी परत सी जमनी शुरू हो जाए तो फिर वो प्‍लास्‍टिक मटीरियल चावल होगा

 

अगर आपको चावल के उबालने के बाद भी उसके असली होने पर शक हो रहा तो इसके लिए आप उसे एक बॉटल में बंद कर लगभग 3 से 4 दिनों के लिए छोड़ दें। फिर उसे देखें .. इस दौरान अगर उसमें फफूंद आए तो फिर वो असली है वर्ना वो प्‍लास्‍टिक वाला चावल है क्‍योंकि प्‍लास्‍टिक पर कभी फफूंद नहीं लग सकती ।

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