राजधानी रायपुर में 15 जनवरी से लगेगा हर कार पर QR कोड, जानिए पूरी जानकारी।

By pallav

Raipur CG News: छत्तीसगढ़ में पहली बार राजधानी में कार बस और ट्रकों के लिए नया सिस्टम लागू होगा.

इन वाहनों में क्यूआर कोड लगाया जाएगा.यह कार के सामने हिस्से में टैग किया जाएगा.

इस क्यूआर कोड में गाड़ी का नंबर, मालिक का नाम और फोन नंबर अपलोड किया जाएगा.

इसमें सेकेंड फोन नंबर परिजनों का भी होगा.ताकि सड़क हादसा या अप्रिय घटना होने पर परिजनों से सीधा संपर्क किया जा सके.

गाड़ियों में लगेगा क्यूआर कोड

राजधानी रायपुर में ट्रैफिक व्यवस्था सुगम बनाने के लिए स्मार्ट सिटी एक नए सिस्टम लगाने जा रही है.

इस सिस्टम के तहत वाहन चालकों के गाड़ियों में क्यूआर कोड लगाने से लोगों को भी मदद मिलेगी.यह सिस्टम पहले देश के दो राज्यों में प्राइवेट कंपनी ने बनाया है.

अब छत्तीसगढ़ तीसरा राज्य है जहां यह नया सिस्टम लगाने जा रहा है इस सिस्टम से लोगो के घर या आंगन के सामने कोई गाड़ी खड़ी कर चला गया है या ऐसी जगह गाड़ी खड़ी की गई.

जिससे लोगों को आने-जाने में दिक्कत हो रही है.ऐसे में कोई भी मोर रायपुर एप में जाकर क्यूआर कोड स्कैन कर वाहन मालिक से संबंधित पूरी जानकारी मालूम कर उनसे फोन पर संपर्क कर सकेगा.

 

 

अधिकारीयों ने दी जानकारी

अधिकारियों ने बताया कि रायपुर स्मार्ट सिटी नए सिस्टम बना रही है.इसी दौरान गाड़ियों के लिए क्यूआर कोड तैयार किया जा रहा है. यह मोर रायपुर ऐप से जुड़ा होगा.

पुलिस अफसरों ने बताया कि शहर के चौक-चौराहों और पार्किंग में खड़ी गाड़ियों में टैग लगाया जाएगा.इसके अलावा मॉल के पास भी जहां ज्यादा गाड़ियां आती हैं.

 

वहां भी गाड़ियों ये टैग लगाया जाएगा.पुलिस के साथ स्मार्ट सिटी का तकनीकी टीम भी रहेगी.पहले चरण में चारपहियों में टैग लगाया जाएगा.

 

वह गाड़ी चाहे रायपुर की हो या बाहर की शहर में आने वाली सभी गाड़ियों का क्यूआर कोड होगा.

 

फास्टैग की तरह करेगा काम ये क्यूआर

यह क्यूआर कोड फास्टैग की तरह काम करेगा.टैग को स्कैन करने के लिए मोबाइल पर एप डाउनलोड करना होगा.

 

इससे पुलिस को ज्यादा फायदा मिलेगा.पुलिस इसके साथ मोर रायपुर एप में नई व्यवस्था कर रही है.

 

उसमें ट्रैफिक पुलिस द्वारा उठाई गई गाड़ियों की एक क्लिक में जानकारी मिल जाएगी.

 

पुलिस क्रेन द्वारा गाड़ी उठाने की मिलेगी

अभी पुलिस क्रेन से गाड़ी उठाकर ले जाती है। गाड़ी मालिक भटकते रहते हैं। उन्हें पता नहीं होता है कि उनकी गाड़ी पुलिस ने उठाई है या कोई और ले गया है। आसपास वालों से पता भी चल जाता है तो गाड़ी कहां से छुड़ाना है.

 

इसकी जानकारी नहीं होती है.मोर रायपुर एप में जो भी क्रेन ऑपरेटर सड़क से नो-पार्किंग में गाड़ी उठाएगा.

 

वह तुरंत एप पर अपडेट करेगा…उसमें उसका नाम, फोन नंबर और गाड़ी कहां रखी गई है कि इसका लोकेशन भी दिया जाएगा.

 

एप में गाड़ी का नंबर डालते ही मालिक को पूरी जानकारी मिल जाएगी कि उनकी गाड़ी कौन से थाने में है.वे क्रेन ऑपरेटर से सीधा बात कर पाएंगे.

 

Share This Article
Exit mobile version