सरकार ने फिर दिया झटका और 0.25 फीसदी बढ़ा दिया रेपो रेट, अब तक 2.5% बड़ी ब्याज दर महंगी होगी आपकी EMI कितना पड़ेगा आपकी जेब पर असर जाने विस्तृत जानकारी

By pallav

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI Monetary Policy) की आखिरी क्रेडिट पॉलिसी के फैसलों का एलान आज हो गया है. आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) ने बताया कि रेपो रेट में 0.25 फीसदी का इजाफा किया गया है.

रेपो रेट बढ़ने से बढ़ती है EMI

आरबीआई द्वारा तय किया गया रेपो रेट सीधे तौर पर बैंक लोन को प्रभावित करता है. इसमें कमी आने पर लोन सस्ता हो जाता है और इसमें इजाफा होने के बाद बैंक भी अपना कर्ज महंगा कर देते हैं. इसका असर होम लोन (Home Loan), ऑटो लोन (Auto Loan), पर्सनल लोन (Personel Loan) सभी तरह का लोन पर पड़ता है.

 

बीते साल मई में इसमें .40%, जून में .50%, अगस्त में .50%, सितंबर में .50% और दिसंबर में .35% की बढ़ोतरी की गई थी. वहीं इस साल 2023 की पहली एमपीसी बैठक के बाद एक बार फिर से रेपो रेट को .25% बढ़ाने का फैसला किया गया है.

रेपो रेट बढ़ने के बाद बैंक अपने रेपो रेट लिंक्ड लोन और फ्लोटिंग रेट लोन के ब्याज दरों में इजाफा करेंगे जिससे आपके फ्लोटिंग रेट वाले होम लोन की ईएमआई या उसकी अवधि में बढ़ोतरी होगी. रेपो रेट वह दर होती है जिसके तहत रिजर्व बैंक अन्य कॉमर्शियल बैंकों को कर्ज देता है. इसे 6.25 फीसदी से बढ़ाकर 6.50 कर दिया गया है. अगर आप भविष्य में किसी तरह का लोन लेने की सोच रहे हैं तो आपको महंगी दरों पर बैंक कर्ज देंगे.

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने किया एलान

 

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज एलान किया है कि एमपीसी ने रेपो रेट को 0.25 फीसदी बढ़ाया है. इसके बाद देश में रेपो रेट बढ़कर 6.50 फीसदी पर आ गया है जो कि पहले 6.25 फीसदी पर था. एमपीसी के 6 सदस्यों में से 4 सदस्यों ने इसके पक्ष में वोट किया. रेपो रेट में ये बढ़ोतरी लगातार छठी बार है जब क्रेडिट पॉलिसी में आरबीआई ने इजाफा किया है. इस तरह लगातार 6 बार दरें बढ़ाकर आरबीआई ने कुल 2.50 फीसदी का इजाफा रेपो रेट में कर दिया है और ये 6.50 फीसदी पर आ गया है.

 

जीडीपी-महंगाई के लिए आरबीआई ने क्या कहा

 

भारतीय रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष 2022-23 के लिए जीडीपी की वृद्धि दर (GDP) के अनुमान को 6.8 फीसदी से बढ़ाकर सात फीसदी कर दिया है. वहीं अगले वित्त वर्ष यानी 2023-24 में जीडीपी की वृद्धि दर 6.4 फीसदी रहने का अनुमान रखा गया है. आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष में खुदरा महंगाई दर (Retail Inflation) के 6.5 फीसदी और अगले वित्त वर्ष यानी वित्त वर्ष 2023-24 में खुदरा महंगाई दर के 5.3 फीसदी पर रहने का अनुमान जताया है.

 

गवर्नर शक्तिकांत दास के अन्य एलान क्या हैं- जानें

 

आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि ग्लोबल इकोनॉमी और महंगाई के आंकड़ों में हो रहा उतार चढ़ाव भारतीय अर्थव्यवस्था पर भी असर डाल रहा है. भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ रही है लेकिन ग्लोबल चुनौतियां हमारे सामने हैं और उनके मुताबिक फैसले लेने होते हैं. आरबीआई गवर्नर ने कहा कि वित्त वर्ष 2023 के लिए भारत की जीडीपी का अनुमान 7 फीसदी रखा गया है. वित्त वर्ष 2023-24 में महंगाई दर के 4 फीसदी के दायरे से ऊपर रहने की संभावना है. आरबीआई ने MSF रेट बढ़ाकर 6.75 फीसदी कर दिया है और इसमें भी 0.25 फीसदी का इजाफा हुआ है. एमएसएफ को 6.50 फीसदी से बढ़ाकर 6.75 फीसदी पर ले आया गया है.

 

 

अन्य कारकों को लेकर आरबीआई गवर्नर ने क्या कहा

 

शक्तिकांत दास ने कहा कि भारतीय रुपये में दूसरी करेंसीज के मुकाबले कम उतार-चढ़ाव देखा गया है.

G-Sec मार्केट का समय सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक के लिए फिर से लागू कर दिया गया है.

वित्त वर्ष 2023 की दूसरी छमाही में वित्तीय घाटा मध्यम रहेगा.

आरबीआई ने G-Secs की लैंडिंग और बॉरोइंग को लेकर मंजूरी का प्रस्ताव रखा है.

सोमवार को शुरू हुई थी एमपीसी की बैठक

 

रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की बैठक सोमवार 6 फरवरी को हुई थी और आज 8 फरवरी को इसके फैसलों का एलान कर दिया गया है. ये वित्त वर्ष 2022-23 की आखिरी क्रेडिट पॉलिसी है और बजट के तुरंत बाद हुई है. आरबीआई गवर्नर ने कहा कि बैंकिग सिस्टम में पर्याप्त लिक्विडिटी मौजूद है और देश में इसे लेकर आरबीआई पैनी नजर बनाए हुए है

 

 

 

 

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