शरीर में इस विटामिन की कमी से लिवर का साइज हो जाता है डबल! जानें कौन सा विटामिन लेना है जरूरी

आपने देखा होगा कि बहुत से लोग, जो न ही धूम्रपान करते हैं न ही शराब पीते हैं उनमें नॉन एल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज की समस्या हो जाती है। अक्सर लोग इस बात का पता नहीं लगा पाते हैं कि आखिर ऐसा होता क्यों है। लेकिन अब वैज्ञानिकों ने इसका पता लगा लिया है। वैज्ञानिकों का कहना है कि ब्लड में होमोसिस्टिन नाम के एमिनो एसिड का बढ़ा हुआ लेवल नॉन एल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज के एडवांस फोर्म की गंभीरता से जुड़ा हुआ है। वैज्ञानिकों ने ये भी पाया है कि विटामिन बी12 और फोलिक एसिड इस बीमारी को बढ़ने से रोक सकता है।

25 फीसदी लोग इस रोग का शिकार

ये निष्कर्ष नॉन एल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज के रोगियों की मदद कर सकते हैं, जो कि ढेर सारी लिवर समस्याओं का एक समूह है। ये उन लोगों को ज्यादा प्रभावित करता है, जो लोग शराब नहीं पीते हैं या फिर बहुत कम शराब का सेवन करते हें। दुनियाभर में करीब 25 फीसदी लोग इसका शिकार होते हैं।

 

 

इन लोगों को खतरा ज्यादा

नॉन एल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज में आपके लिवर में फैट जमा होने लग जाता है और ये दुनियाभर में लिवर ट्रांसप्लांट का सबसे बड़ा कारण है। ये उन लोगों में ज्यादा आम होता है, जो लोग डायबिटीज और मोटापे से परेशान होते हैं।

 

कैसे होता है ये रोग

लैबोरेटरी ऑफ हार्मोनल रेगुलेशन एट ड्यूक-एनयूएस कार्डियोवास्कुलर एंड मेटाबॉलिक प्रोग्राम की सीनियर रिसर्च फेलो और अध्ययन की मुख्य लेखक डॉ. मधुलिका त्रिपाठी का कहना है कि शुरू में लिवर में फैट जमा होने की परेशानी को रोका जा सकता है लेकिन जैसे-जैसे ये स्थिति बढ़ती जाती है तो आपका लिवर काम करना बंद कर सकता है और आप लिवर सिरोसिस से ग्रस्त हो सकते हैं साथ ही लिवर कैंसर की परेशानी भी हो सकती है।

 

 

इन विटामिन की आपको जरूरत

इसके अलावा, शोधकर्ताओं ने ये भी पाया है कि विटामिन बी12 और फोलिक एसिडसे संपन्न डाइट लेने पर लिवर में सिन्टैक्सिन 17 का लेवल बढ़ जाता है, जो ऑटोफैगी में इसकी भूमिका को बहाल करता है। इसके अलावा ये लिवर में होने वाले फैट जमा को रोकता है, जिसकी वजह से लिवर में सूजन और फिब्रोसिस की परेशानी कम हो जाती है।

 

ये दोनों विटामिन लिवर रोग को रोकने में सक्षम

एक्सपर्ट का मानना है कि हमारे निष्कर्ष बहुत ही उत्साहित करने वाले और जरूरी हैं क्योंकि ये बहुत ही सस्ता तरीका है, जो आपके लिवर को हेल्दी रख सकता है। विटामिन बी12 और फोलिक एसिड लिवर में होने वाली परेशानियों को रोक सकता है और दूसरी समस्याओं की गति को रोकने का काम करता है। असके अलावा सीरम और हेपटिक होमोसिस्टिन लेवल लिवर रोगों की गंभीरता को बताने का काम करते हैं।

 

 

होमोसिस्टिन, लिवर के अन्य प्रोटीन को भी प्रभावित कर सकता है, जिसको जानने के लिए टीम भविष्य में कई शोध करेगी। उन्होंने कहा कि भविष्य में होने वाले शोध एंटी-NASH थेरेपी के विकास में योगदान देंगे।

 

पैसों की हो सकती है बचत

लैबोरेटरी ऑफ हार्मोनल रेगुलेशन एट ड्यूक-एनयूएस कार्डियोवास्कुलर एंड मेटाबॉलिक प्रोग्राम के प्रोफेसर और अध्ययन के मुख्य लेखक पॉल एम.येन का कहना है कि विटामिन बी12 और फोलेट के प्रयोग से लिवर रोगों के उपचार और इसकी रोकथाम में मदद मिल सकती है, जो न सिर्फ पैसों को बचाने में मदद करते हैं बल्कि विकासशील देशों में स्वास्थ्य बोझ को भी कम कर सकते हैं।