7 से 11 साल के बच्चों को भी लगेगी करोना वैक्सीन, भारत सरकार ने इस वैक्सीन को दी मंजूरी।

देश में कोविड के मामले एक बार फिर से बढ़ते हुए दिखाई दे रहे हैं. ऐसे में लोगों को सावधानी फिर से बरतने की जरूरत है. देश की राजधानी दिल्ली (NCT Delhi Covid Cases) में पिछले 24 घंटों में 874 कोविड के नए मामले दर्ज किए गए हैं. जिससे कोविड के सक्रिय मामले बढ़कर 4,482 हो गए हैं. वहीं इस बीच एक बड़ी राहत की खबर ये आई है कि अब 7 साल से 12 साल के बच्चों को भी वैक्सीन की खुराक दी जा सकेगी. सीरम इंस्टीट्यूट ने अब 7 साल से 12 साल के बच्चों के लिए कोवोवैक्स वैक्सीन तैयार कर दी है. इस वैक्सीन को डीसीजीआई से मंजूरी भी मिल गई है.

 

इसके पहले कोविड-19 रोधी कोविशील्ड या कोवैक्सीन की दोनों खुराक ले चुके लोगों के लिए बायोलॉजिकल ई के टीके कोर्बेवैक्स को बूस्टर खुराक के तौर पर इस्तेमाल की अनुमति देने पर एनटीएजीआई विचार कर सकता है, जिसकी बैठक मंगलवार को होगी. सूत्रों ने यह जानकारी दी. भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने कोर्बेवैक्स को 18 साल और उससे अधिक उम्र के लोगों के लिए एहतियाती खुराक के रूप में इस्तेमाल करने के लिए चार जून को मंजूरी दी थी.

 

बूस्टर डोज के लिए डीसीजीआई दे चुका है मंजूरी

भारत के पहले स्वदेश विकसित आरबीडी प्रोटीन सबयूनिट टीके कोर्बेवैक्स का उपयोग इस समय 12 साल से 14 साल तक के बच्चों के लिए किया जा रहा है. एक सूत्र ने भाषा को बताया कि ‘टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (NTAGI) कोविशील्ड या कोवैक्सीन की दोनों खुराक ले चुके लोगों के लिए बूस्टर खुराक के रूप में कोर्बेवैक्स के उपयोग की अनुमति देने पर विचार-विमर्श करेगा, जिसे डीसीजीआई मंजूर कर चुका है.

 

8 जून को टीके का क्लीनिकली परीक्षण था

सरकार की यह सलाहकार समिति सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा विकसित देश के पहले सर्वाइकल कैंसर रोधी क्वाड्रिवैलेंट ह्यूमन पैपिलोमावायरस (क्यूएचपीवी) टीके के परीक्षण आंकड़ों की भी समीक्षा कर सकता है. सूत्रों ने बताया था कि एनटीएजीआई के एक अलग एचपीवी कार्यसमूह ने आठ जून को टीके के क्लीनिकल परीक्षण के आंकड़ों का और इसे राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल करने की उपयोगिता का अध्ययन किया था