किसान आंदोलन: रायपुर के किसान मंत्रालय घेरने निकले तो बीच रास्ते में पुलिस ने रोका, धरने पर बैठे बुजुर्ग किसान ने तोड़ा दम।

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के समीप बस रहे नवा रायपुर के किसान पिछले दो महीने से भी ज्यादा दिनों से नवा रायपुर विकास प्राधिकरण के बाहर धरने पर बैठें हैं। शुक्रवार को इन किसानों का धैर्य जबाव दे गया। अपने हक की बात करने किसान मंत्रालय की ओर बढ़ने लगे। दोपहर के वक्त करीब 2 हजार से ज्यादा किसानों ने पैदल मार्च निकाला। इन किसानों में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल थीं।

 

 

कुछ ही दूरी पर किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने बैरिकेटिंग कर रखी थी। 200 से अधिक पुलिस के जवान सुरक्षा कवच पहने खड़े थे। वे किसानों को डंडे के बल पर रोकने लगे। किसानों और पुलिस के बीच धक्का-मुक्की भी हुई। इसके बाद इस मार्च में शामिल महिलाओं ने बैरिकेड के पास ही सड़क में बैठकर धूप में धरना देना शुरू कर दिया।

 

 

 

इसी दौरान बरौदा निवासी बुजुर्ग किसान सियाराम पटेल की तबियत बिगड़ गई। पैदल मार्च कर मंत्रालय घेराव करने के लिए जाने वालों में वे भी शामिल थे। उन्हे तत्काल बाल्को अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी मौत हो गई।

 

बताया जा रहा है कि इनकी जमीन भी नया रायपुर डेवलपमेंट अथॉरिटी ने ली थी । अपनी जमीन पर मुआवजे रोजगार और अन्य सुविधाओं की मांग को लेकर पिछले 60 दिनों से सियाराम भी इस धरना प्रदर्शन में शामिल थे । बरौदा गांव के सरपंच सीमा रहीस बंदे ने बताया कि अचानक गिर जाने के बाद सभी लोग सियाराम को पास ही स्थित बालको अस्पताल लेकर गए ।

 

जहां उनकी मौत हो चुकी है । फिलहाल बताया जा रहा है कि हार्ट अटैक आने की वजह से बुजुर्ग की मौत हुई होगी । सियाराम के साथ प्रदर्शन कर रहे किसानों ने बताया कि दिन भर कड़ी धूप में खुली सड़क में धरना दे रहे सियाराम अचानक बेहोश और उनकी तबीयत इस कदर बिगड़ी कि उन्हें अस्पताल ले जाया गया । मौत के पीछे की वजह की छानबीन अब पुलिस और जिला प्रशासन करेगा ।