छत्तीसगढ : 17 महीने की गर्भवती हथनी की तार से करेंट लगने से तड़प तड़प के मौत, बिजली विभाग की बडी लापरवाही।

सूरजपुर जिले के प्रतापपुर वन परिक्षेत्र अंतर्गत दरहोरा असनापारा में विद्युत विभाग की लापरवाही से एक गर्भवती हथिनी की जान चली गई। दरअसल गांव में 11 केवी का तार निर्धारित ऊंचाई से काफी नीचे झूल रहा था। मंगलवार की देर रात गर्भवती हथिनी इसकी चपेट में आ गई। करंट लगने की वजह से तड़पकर हथिनी की मौत हो गई। बुधवार की सुबह डॉक्टरों की टीम ने जब हथिनी के शव का पीएम किया तो शावक भी मृत निकला, वह मेच्योर हो गया था। वन विभाग (Forest department) द्वारा 12 जनवरी को ही विद्युत विभाग में हाथी विचरण क्षेत्र में झूल रहे तारों को निर्धारित ऊंचाई तक करने आवेदन दिया था। यदि सप्ताहभर में तारों को ऊपर कर लिया गया होता तो गर्भवती हथिनी की मौत नहीं होती।

 

प्रतापपुर वन परिक्षेत्र दरहोरा में 3 हाथियों का दल विचरण कर रहा था। मंगलवार की रात हाथियों का दल विचरण करते हुए दरहोरा के असनापारा में पहुंच गया। इसी दौरान दल में शामिल एक गर्भवती हथिनी काफी नीचे झूल रहे ११ केवी के तार की चपेट में आ गई। वहीं 2 अन्य हाथी तार के नीचे से निकल गए।

 

इधर करंट लगने से हथिनी तड़प कर चिंघाडऩे लगी। उसके चिंघाडऩे की आवाज ग्रामीणों ने भी सुनीं। कुछ ही देर में उसने दम तोड़ दिया। सुबह उसकी लाश ग्रामीणों ने देखी तो इसकी सूचना वन विभाग को दी। इस पर सीसीएफ सरगुजा, सीएफ वाइल्ड लाइफ, डीएफओ सूरजपुर तथा प्रतापपुर, रमकोला, घुई, ओडग़ी, भैयाथान के रेंजर मौके पर पहुंचे। अधिकारियों ने घटना की जांच की

 

 

इसके बाद पशु चिकित्सक डॉ. महेंद्र पांडे की अगुवाई में टीम ने मृत हथिनी के शव का पीएम किया। पीएम के दौरान हथिनी के गर्भ से शावक भी मृत अवस्था में निकला, उसे भी करंट लगा था। हथिनी व शावक के पीएम के बाद उन्हें घटनास्थल पर ही दफना दिया गया। हथिनी १७ माह की गर्भवती थी तथा शावक मेच्योर हो गया था। कुछ ही दिनों बाद उसका जन्म होने वाला था, लेकिन विभाग की लापरवाही से दोनों की जान चली गई।

 

 

चार से पांच मीटर ऊंचा होना चाहिए तार

पूरी घटना में बिजली विभाग की घोर लापरवाही उजागर हुई है। सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार हाथी रहवास क्षेत्र में 11 केवी के विद्युत तार की ऊंचाई जमीन से चार से पांच मीटर होनी चाहिए, ताकि विचरण के दौरान हाथी इसकी चपेट में न आ सकें।

 

9 और 10 जून : सूरजपुर के प्रतापपुर में एक गर्भवती हथिनी सहित 2 मादा हाथियों की मौत हुई।
11 जून : बलरामपुर के अतौरी में मादा हाथी की मौत हुई थी।
15 जून : धमतरी में माडमसिल्ली के जंगल में कीचड़ में फंसने से हाथी के बच्चे ने दम तोड़ा।
18 जून : रायगढ़ के धरमजयगढ़ में करंट से हाथी की मौत।
24 जुलाई : जशपुर में करंट लगाकर नर हाथी को मारा गया ।
9 जुलाई : कोरबा में 8 साल के नर हाथी की इलाज के दौरान मौत
16 अगस्त : सूरजपुर में जहरीला पदार्थ खाने से नर हाथी की मौत।
23 सितंबर : रायगढ़ में धरमजयगढ़ के मेंढरमार में करंट लगने से हाथी की मौत।
26 सितंबर : महासमुंद के पिथौरा में संदिग्ध हालत में हाथी की मौत।
11 जूून 2021: सूरजपुर के प्रतापपुर वन परिक्षेत्र के दरहोरा बीट के कक्ष क्रमांक 101 में नर हाथी का शव मिला
22 जून 2021: धरमजयगढ़ वन मंडल के छाल रेंज में मादा हाथी का शव मिला था।
10 अगस्त 2021: जशपुर में एक हाथी की मौत हुई।
14 अगस्त 2021: कोरबा जिले के कुदमुरा रेंज में 65 साल के मादा हाथी का शव मिला।
27 अगस्त 2021: बलरामपुर के मानपुर के जंगल में 7 महीने के हाथी के शावक का शव मिला।
01 अगस्त 2021: बलरामपुर के वाड्रफनगर इलाके में एक हाथी का शव मिला है।

(न्यूज सोर्स पत्रिका)