देश में अब तक मानसून कहां-कहां पहुंच चुका है, जानिए पूरी डिटेल्स

केरल में मानसून दो दिन की देरी से भले ही पहुंचा हो लेकिन अब दक्षिण-पश्चिम मानसून देश के दो-तिहाई हिस्से को कवर करने के लिए तेजी से आगे बढ़ रहा है. हालांकि बता दें कि दिल्ली, गुजरात, राजस्थान, हरियाणा आदि राज्यों को अभी मानसून का इंतजार है.

 

दक्षिण-पश्चिम मानसून देश के दो-तिहाई हिस्से को कवर करने के लिए तेजी से आगे बढ़ रहा है. वहीं भारत के मौसम विज्ञान विभाग की डेली मौसम रिपोर्ट के मुताबिक मंगलवार को मानसून की नॉर्दन लिमिट (NLM) दीव, सूरत, नंदुरबार, भोपाल, नगांव, हमीरपुर, बाराबंकी, बरेली, सहारनपुर, अंबाला और अमृतसर से गुजरी.

 

 

दक्षिण प्रायद्वीप और मध्य भारत के कुछ क्षेत्रों में 7-8 दिन पहले आया मानसून

 

गौरतलब है कि दक्षिण प्रायद्वीप और मध्य भारत के कुछ क्षेत्रों में इस बार मानसून अपने निर्धारित शेड्यूल से 7 से 10 दिन पहले आ गया है. हालांकि मॉनसून उत्तर पश्चिमी भारत- गुजरात, राजस्थान, पश्चिमी मध्य प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और दिल्ली में अभी तक नहीं पहुंचा है.

 

 

मंगलवार तक, पश्चिम बंगाल और नॉर्थ ईस्ट, जम्मू और कश्मीर और लद्दाख, केरल और गुजरात को छोड़कर पूरे देश में क्युमुलेटिव रेनफॉल अधिकत्तम (1 जून को दक्षिण-पश्चिम मानसून के मौसम की आधिकारिक शुरुआत के बाद से) (20% -59%) या सामान्य से अधिक (60% या अधिक) हुई थी.

 

 

केरल में मानसून ने 3 जून को दस्तक दी थी

 

 

बता दें कि मई के तीसरे सप्ताह के दौरान बंगाल की खाड़ी में बने चक्रवात यास ने मानसून को 21 मई को अंडमान सागर पर समय पर पहुंचने में मदद की. अपनी सामान्य शुरुआत से दो दिन की देरी के बावजूद केरल में मानसून ने 3 जून को दस्तक दी थी. दक्षिण-पश्चिम मानसून ने बाद के दिनों में तेजी से प्रोग्रेस की है. यह मुख्य रूप से अरब सागर से तेज पछुआ हवाओं और 11 जून को बंगाल की उत्तरी खाड़ी के ऊपर एक निम्न दबाव प्रणाली के फॉरमेशन की वजह से हुआ.

 

 

इन क्षेत्रों में तेजी से आगे बढ़ा है मानसून

 

 

मानसून मजबूती से आगे बढ़ रहा है और यह पूर्वोत्तर, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, झारखंड, बिहार और छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों में आगे बढ़ा है. वहीं महाराष्ट्र और केरल के बीच एक सप्ताह तक बनी एक अप तटीय ट्रफ रेखा ने मानसून को कर्नाटक, गोवा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र और दक्षिणी गुजरात में जल्दी पहुंचने में मदद की है.

 

 

हालांकि मानसून पश्चिम और पूर्वी तटों और पूर्वी, पूर्वोत्तर और कुछ मध्य भारत के क्षेत्रों में तेजी से बढ़ा है. लेकिन अब मानसून की गति धीमी होने की संभावना है. 25 जून के आसपास तक मानसून के आगे बढ़ने की उम्मीद कम है.