देश और दुनिया में कोरोना वायरस का संक्रमण लगातार बढ़ रहा है। हालांकि इससे निपटने के लिए तमाम प्रयास भी किए जा रहे हैं। लोगों को मास्क पहनने, साबुन पानी से हाथ धोने और सामाजिक दूरी जैसे नियमों का पालन करने की सलाह दी जा रही है। हाल ही में जापान की क्योटो प्रीफेक्चरल यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिसिन ने अपनी रिसर्च में यह दावा किया था कि इंसान की त्वचा पर कोरोना वायरस नौ घंटे तक जिंदा रह सकता है। अब ऑस्ट्रेलिया के शोधकर्ताओं ने एक अध्ययन किया है, जिसमें उन्होंने सबसे अधिक संक्रमण फैलाने वाले सतहों के बारे में बताया है। आइए जानते हैं उन सतहों के बारे में…
सार्वजनिक परिवहन की खिड़कियां और खंभे
अध्ययन में सार्वजनिक परिवहन की खिड़कियों और खंभों को सबसे अधिक संक्रामक बताया गया है। अध्ययन के मुताबिक, खिड़कियां और खंभे स्टील या कांच के बने होते हैं, ऐसे में उनपर वायरस आसानी से चिपक जाते हैं और उस सतह पर कई घंटों तक बने रहते हैं। अब चूंकि अब कई जगहों पर बस और मेट्रो की सेवाएं शुरू हो चुकी हैं, ऐसे में अगर कोई व्यक्ति उस सतह को छूकर फिर अपनी नाक, आंख या मुंह को छूता है तो वायरस के उसके शरीर में प्रवेश करने की आशंका बढ़ जाती है। इसलिए जब भी आप सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करें तो खिड़कियों और खंभों को छूने से बचें या अगर छू लिया है तो आंख, नाक और मुंह को छूने से पहले हाथों को अच्छी तरह साबुन पानी से धोएं या फिर सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें।
करेंसी नोट
अध्ययन के मुताबिक, करेंसी नोटों पर कोरोना वायरस 20 डिग्री तापमान में 28 दिनों तक जिंदा रह सकता है। ऐसे में नोटों के लेन-देन से कोरोना वायरस के एक से दूसरे व्यक्ति में फैलने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए बेहतर है कि आप जितना संभव हो उतना डिजिटल पेमेंट का सहारा लें। करेंसी नोटों के लेन-देन से बचें।
मोबाइल फोन की स्क्रीन
चूंकि आजकल लोग मोबाइल फोन का इस्तेमाल ज्यादा करने लगे हैं, चाहे बस में बैठे हों या मेट्रो में, फोन चलाते ही रहते हैं। ऐसे में मोबाइल फोन के स्क्रीन पर कोरोना वायरस के चिपकने का खतरा रहता है, जिससे आप भी कोरोना से संक्रमित हो सकते हैं। इसलिए बेहतर है कि सार्वजनिक जगहों पर मोबाइल का इस्तेमाल बिल्कुल न करें या अगर कर रहे हैं तो समय-समय पर उसे सैनिटाइज करते रहें।
एटीएम के बटन और स्क्रीन
अध्ययन में कहा गया है कि एटीएम के बटन और स्क्रीन से भी कोरोना वायरस के फैलने का खतरा सबसे अधिक है। अगर किसी संक्रमित व्यक्ति ने पैसे निकालने के लिए एटीएम का इस्तेमाल किया हो तो हो सकता है कि वायरस उसके बटन और स्क्रीन पर भी चिपक गए हों और जब दूसरा कोई व्यक्ति उस सतह को छूता है और उसके बाद अपने आंख, नाक और मुंह को भी छू लेता है तो वह भी संक्रमित हो सकता है। इसलिए बेहतर है कि इस कोरोना काल में ऑनलाइन ट्रांजैक्शन ही करें या अगर एटीएम का इस्तेमाल कर रहे हैं तो इस्तेमाल के तुरंत बाद साबुन पानी से अच्छी तरह हाथ धोएं या फिर सैनिटाइजर का उपयोग करें।
अस्पताल का वेटिंग रूम यानी प्रतीक्षालय
वैसे तो इस कोरोना काल में अस्पतालों में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जा रहा है, लेकिन फिर भी वहां कोरोना वायरस के फैलने का खतरा सबसे अधिक है। खासकर अस्पताल के वेटिंग रूम यानी प्रतीक्षालय में, क्योंकि वहां अक्सर लोग आते-जाते रहते हैं, हो सकता है कि उनमें से कोई कोरोना संक्रमित हो और उसने किसी सतह को छुआ हो। इसलिए बेहतर है कि जब भी आप अस्पताल जाएं तो मास्क पहने रहें और किसी भी सतह को छूने से बचें।
