करोना वायरस की सबसे सस्ती (मात्र 2 रुपए) और सबसे असरदार दवाई WHO ने दिया सुझाव। जानिए कौन सी है वो दवाई।

स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने दुनिया में बढ़ते कोरोना के संकट पर चिंता जताई है. डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस एडेहनम ग्रेब्रेयेसस (Tedros Adhanom Ghebreyesus) ने कहा है कि बीते रविवार को दुनियाभर में कोरोना वायरस के 1.83 लाख मामले सामने आए. यह संख्या अब तक एक दिन में सामने आने वाले मामलों में सबसे ज्यादा है. WHO ने कोरोना के गंभीर मरीजों को डेक्सामेथासोन (Dexamethasone) नाम की दवा देने का भी सुझाव दिया है।

टेड्रोस एडेहनम ग्रेब्रेयेसस ने कहा कि डब्ल्यूएचओ (World Health Organization) के पास 8.80 लाख से ज्यादा कोरोना मामले आ चुके हैं और 4.65 लाख से ज्यादा लोगों की इस महामारी (Pamdemic) से मौत हुई है. उन्होंने कहा कि कुछ देशों में कोविड के मरीजों (Corona Patients) की संख्या लगातार बढ़ रही है।

 



बता दें कि पिछले दिनों Oxford University के वैज्ञानिकों ने दावा किया था कि उन्हें ऐसे रिजल्ट मिले हैं कि डेक्सामेथासोन (Dexamethasone) दवा के इस्तेमाल से कोरोना के गंभीर मरीज ठीक हो रहे हैं. यूनिवर्सिटी की रिचर्स में कहा गया कि डेक्सामेथासोन नाम के स्टेराइड से गंभीर मरीजों की मृत्यु दर एक तिहाई तक घट गई है।

डेक्सामेथासोन एक बहुत ही सस्ता स्टेराइड (steroid) है और इसका इस्तेमाल कई रोगों के इलाज में किया जाता है।

Oxford University के वैज्ञानिक मार्टिन लैंडरे के मुताबिक, रिचर्स बताती है कि अगर COVID-19 के मरीज में ऑक्सीजन की कमी है और वह वेंटिलेटर पर है, ऐसे मरीज को अगर डेक्सामेथासोन दवा दी जाती है, उसके बचने के उम्मीद ज्यादा रहती है और इस पर खर्चा भी बहुत कम आता है।



इस रिसर्च का जिक्र करते हुए डब्ल्यूएचओ के महासचिव ने कहा कि देखने में आया है कि कोविड-19 के गंभीर मरीजों के लिए Dexamethasone लाइफ सेविंग का काम करती है, इसलिए इस दवा का इस्तेमाल किया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि चुनौती यह है कि इस दवा का उत्पादन बढ़ाना और फिर पूरी दुनिया में समान रूप से उसकी पहुंच बनाना है.

ग्रेब्रेयेसस ने कहा कि Dexamethasone दवा डॉक्टरों की निगरानी में केवल गंभीर मरीजों को ही देनी चाहिए. उन्होंने कहा कि ऐसे प्रमाण नहीं मिले है कि यह दवा कोरोना के मामूली असर वाले मरीजों पर भी काम करती है, बल्कि यह उन्हें नुकसान भी पहुंचा सकती है।

 



इस दवा के मामूली साइट इफेक्ट जैसे- पेट में गड़बड़ी, सिरदर्द, पाचन में दिक्कत और डिप्रेशन पर ध्यान न देकर लोगों की जान बचाने के लिए इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि इस सस्ते स्टेराइड की मांग पहले की काफी बढ़ चुकी है. और दुनिया में इसे बनाने वाले भी काफी लोग है, इसलिए हमें भरोसा है कि हम इसके उत्पादन में तेजी ला सकते हैं।

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